हमारे देश की आध्यात्मिकता एवं दर्शन देश-दुनिया को मार्ग प्रशस्त करने वाला है| देश-दुनिया को विश्वास हो गया है कि भारत राष्ट्र का आध्यात्मिक दर्शन एवं विश्व बंधुत्व का विचार ही विश्व शांति के मार्ग को निष्कण्टक बनाने वाला है| हम तो परमात्मा का भरोसा करके चलते हैं| देश-समाज-धर्म के साथ हम राष्ट्र को देवता के स्वरूप आराध्य मानते हैं| समस्त जीव जगत की समृद्धि एवं कल्याण की हम तो सदैव कामना करते रहते हैं| हम सन्यासी जिस संकल्प के साथ वैराग्य धारण करते हैं, उसी मर्यादा में रहकर हम अपना कर्म करेंगे| त्याग और ज्ञान के मार्ग पर चलकर ही हम राष्ट्र-आराधना का यज्ञानुष्ठान करते हुए राष्ट्र-धर्म का अनुपालन करेंगे|इसी धर्म रक्षा के लिए हम सब कुछ भी कुर्बान कर सकते हैं| हम सन्यासी निरपेक्ष जीवन नहीं जीते है, अपितु सतत् जागरूकता के साथ रहने का अभ्यास करते हैं| देश समाज की व्यवस्था केवल मनुष्य की रचना ही नहीं है, अपितु यह सत्ता परमात्मा व्यवस्था है|अतः आप और हम राष्ट्र धर्म को प्रणाम करते हुए देश धर्म की सेवा करें|
– परम श्रध्देय सैनाचार्य श्री का वचनामृत