आरती सतगुरु सैनजी महाराज की

गरु म्हारा आरती उतारा-सतगुरु सेन महाराज की,

जारे चरण कमल चितलाय,

लाय, आरती उतारा सतगुरु महाराज की||

गरु म्हारा तन-मन रो दिवलो करा,

प्रेम री बाट लगाय,

लगाय, आरती उतारा सतगुरु सेन महाराज की||

गरु म्हारा धीरता सिंचावा – गरु सारे नाम रो,

जिनमें सुरता लोय लगाय,

लगाय, आरती उतारा सतगुरु सेन महाराज की||

गरु म्हारा पाँच सखी जे करे आरती,

वे तो मंगल पंचीसो गाय,

गाय, आरती उतारा सतगुरु सेन महाराज की||

गरु म्हारा धूप दीप तुलसी अगरबत्ती,

म्हें तो सेनजी सरणें  जाय,

जाय, आरती उतारा सतगुरु सेन महाराज की||

गरु म्हारा म्हें तो सेनजी जे सरणें आविया,

स्वामी अचलानंद गुण गाय,

गाय, आरती उतारा सतगुरु सेन महाराज की||

 

ॐ भक्त शिरोमणि राजगुरु सन्त श्री सैन नम:

ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: